आंशिक कालसर्प योग के असर, उपाय और निवारण

आंशिक कालसर्प योग

आंशिक कालसर्प योग : हमारे हिन्दू ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार किसी जातक की कुंडली में काल सर्प योग का होना, जातक के जीवन में भीषण दुष्परिणाम लाता है | यह दोष कुंडली में ग्रहों की एक विशेष प्रकार स्थिति से उजागर होता है |

हिन्दू वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि सभी सात ग्रह राहु केतु धुरी रेखा के एक ही और हों और कोई भी ग्रह दूसरी तरफ न हो तो जातक की कुंडली पर काल सर्प योग होता है | यदि एक भी ग्रह इस धुरी रेखा के बाहर हो अथवा दूसरी तरफ हो तो इसे आंशिक काल सर्प योग कहा जाता है |

आंशिक काल सर्प योग, पूर्ण काल सर्प योग जितना दुष्प्रभावी नहीं होता किन्तु इसके दुष्प्रभावों को नकारा नहीं जा सकता है |

Read about Anshik Kaal Sarp Yog Positive Effects, Remedies and Benefits in English. Click Here

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा बुक करे| सम्पर्क +91 7720000702

आंशिक कालसर्प योग के प्रभाव

यदि कोई व्यक्ति आंशिक काल सर्प दोष के प्रभाव में है, तो उन्हें नियमित बुरे सपने आएंगे। उनके लिए सो जाना कोई आसान काम नहीं होगा। उनका मन भय और नकारात्मक विचारों से भर जाएगा।

जिन लोगों की कुंडली में आंशिक काल सर्प दोष होता है, वे अनियमित नींद से पीड़ित होते हैं, अर्थात वे सोते समय कई बार जागते हैं। साथ ही, वे सांपों के सपने देखते हैं। वे लगातार महसूस करते हैं जैसे कोई उनके करीब खड़ा है |

जिनकी कुंडली में आंशिक काल सर्प दोष के प्रभाव में हैं, उन्हें पारिवारिक विवादों को देखना और अनुभव करना पड़ सकता है। उनका सारा प्रयास और परिश्रम उनके अनुरूप सफल नहीं होता। उनके दुश्मनों की सूची बढ़ जाती है।

आंशिक कालसर्प योग से होने वाले दोष पूर्ण काल सर्प योग की तरह ही हो सकते है पर इनकी त्रीवता काफी कम होती है |

कैसे जाने आपकी कुंडली में है यह दोष ?

यदि जातक की कुंडली में समस्त ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते है को यह पूर्ण काल सर्प दोष प्रदर्शित होता है |

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिंदू वैदिक ज्योतिष में, यदि सभी सात ग्रह राहु और केतु के अक्ष के एक ही तरफ हैं, और एक भी ग्रह दूसरी तरफ नहीं है, केवल तभी एक पूर्ण काल सर्प दशा बनती है। ऐसी परिस्थितियों में जहां एक भी ग्रह बाहर या दूसरी तरफ है, तो यह आंशिक काल सर्प दोष है।

आंशिक कालसर्प योग के उपाय

आंशिक कालसर्प योग का निवारण करना जातक के लिए अति अनिवार्य है और इसके लिए हमारे ज्योतिषों ने कई उपाय बताये है | यह जातक की ही कुंडली पर निर्भर करेगा की उसके लिए कौन सा उपाय ज्यादा फायदेमंद होता है |

इसके अलावा जातक की जीवन शैली और उसके निवास स्थान के हिसाब से उसके लिए ज्योतिष भिन्न भिन्न उपाय सुझा सकते है | इसलिए हम आंशिक काल सर्प दोष से झूझ रहे जातकों को राय देंगे कि वो अपनी जीवन शैली , जीविका कमाने के आधार और अपने निवास की जानकारी पंडित जी को बताकर अपने लिए उचित सुझाव लें |

आंशिक काल सर्प दोष के निम्न लिखित उपाय किये जा सकते है |

  • पीपल के पेड़ को पानी देना
  • भगवान शिव की आराधना करना
  • नियमित मंत्रोच्चारण करना
  • नाग पंचमी को व्रत धारण करना
  • काल सर्प दोष निवारण पूजा

ऐसा आवश्यक नहीं है कि जिस जातक की कुंडली में आंशिक काल सर्प हो वो सब बदकिस्मत ही हों । इस दोष का प्रभाव प्रभाव ग्रहों के अनुसार भिन्न -भिन्न होता है और यह कुंडली में उपस्थित विभिन्न योगों की उपस्थिति पर निर्भर करता है।

इसलिए जातक को इस विषय में अपनी सीमित जानकारी के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए | जातक को अपनी कुंडली किसी विद्वान पंडित से दिखाकर उस पर विस्तार से जानकारी ले सकता है |

इस जानकारी का जानना बेहद आवश्यक है कि दोष का प्रकार क्या है व वह आपके जीवन में क्या प्रभाव लाएगा। आप पंडित श्री रविशंकर जी से पता लगाएँ कि क्या आपकी कुंडली में यह दोष है और यदि है तो इसकी मौजूदगी आपके जीवन को किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है।

आंशिक काल सर्प दोष का प्रमुख उपाय महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित त्रयंबकेश्वर में काल सर्प दोष की पूजा करना है | इस पूजा के अंतर्गत भगवान शिव की पूजा की जाती है और इस पूजा के लिए सर्वप्रथम जातक को अपनी कुंडली में उपस्थित दोषों के बारे में जानकारी चाहिए |

इसके पश्चात वह पंडित जी से जानकारी लेकर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त जानें | हम जातक को यह महत्वपूर्ण परामर्श निशुल्क प्राप्त करने के लिए गुरु जी से संपर्क साधने की सलाह देते है |

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा बुक करे| सम्पर्क +91 7720000702

Ravi Shankar Guruji

वेद शास्त्र संपन्न आचार्य श्री रवि शंकर गुरुजी इनका परिवार 120 साल से त्रिम्बकेश्वर मे काल सर्प दोष निवारण केंद्र, त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पीछे रहेते है| गुरुजी को २५ साल का अनुभव है| गुरुजी काल सर्प पूजा मे विशारद है, उन्होने २२००० से ज़्यादा काल सर्प की पूजाए की है और सभी यजमानोको १००% संतुष्टि दी है| सभी यजमान जो काल सर्प पूजा करके जाते है उन्हे तुरंत कुछ दीनो मे अच्छे रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाते है|
पूरे भारत मे सिर्फ़ त्रिम्बकेश्वर मे ही काल सर्प पूजा की जाती है क्योंकि त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की असाधारण विशेषता है, जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र का प्रतीक है।

Sharing is caring!

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.

Call Ravi Guruji 7720000702