त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा

आखिर क्यों करते है काल सर्प पूजा? आखिर क्या है काल सर्प योग ? क्या आपको भी लगता है की आपके सभी प्रयासों के बाद भी परिणाम आपके अनुसार नहीं है ? क्या आपको नौकरी में उन्नति नहीं मिल रही है ? क्या आपको अपने व्यापार में हज़ार कोशिशों के बाद भी लाभ नहीं मिल रहा है ? क्या आप हमेशा स्वास्थय सम्बन्धी विकारों से घिरे रहते है ? क्या आप अपने विवाहिक जीवन से खुश नहीं है ? क्या आप संतानरहित है ?

यदि आपका इनमे से किसी भी सवाल का उत्तर हाँ है तो आप घबराइए नहीं, यह हिन्दू ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार काल सर्प योग का परिणाम हो सकता है एवं इसका निवारण पूर्णतः संभव है |

संभवतः हम में से कई लोगो ने इस दोष के बारे में सुना तो है, किन्तु सम्पूर्ण जानकारी के अभाव में हम इसके दुष्परिणामों का निवारण नहीं कर पाते है |

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काल सर्प योग

यह दोष तब होता है जब सूर्य मंडल के सातों गृह, राहु एवं केतु के बीच आ जाते है| जब आधी कुंडली ग्रह रहित होती है, तब पूर्ण काल सर्प योग होता है| यदि एक भी ग्रह राहु केतु अक्ष रेखा के बाहर होता है तब जातक के कुन्डली में काल सर्प योग नहीं होता है|

ग्रहो के स्थिति के अनुसार काल सर्प योग का जातक के जीवन में सकारात्मक अथवा नकारात्मक प्रभाव हो सकते है| हमारा उद्देश्य इस दोष के नकारात्मक प्रभावों का निवारण करना है | जिसका एक मात्र एवं सर्वोत्तम उपाय पंडित रवि शंकर गुरु जी से निशुल्क जानकारी लेकर उनके सानिध्य में त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा करवाना है |

काल सर्प योग से होने वाले प्रमुख दोष

  • दाम्पत्य जीवन में तनाव
  • संतान सुख का अभाव
  • शारीरिक एवं मानसिक
  • विवाह में देरी
  • वित्तीय सम्बन्धी परेशानियां
  • पदोनत्ति में बाधा
  • व्यापार में हानि

ऐसा प्रतीत होता है की मानो उपरोक्त दोषो का निवारण असंभव है किन्तु हमारे हिन्दू शास्त्रों में इनका निवारण संभव है | हमारे पूज्य पंडित श्री रवि शंकर गुरु जी जोकि हिन्दू शास्त्रों के ज्ञाता है और कई जातको के लिए त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा करके, उनके जीवन से काल सर्प योग का पूर्णतः निवारण कर चुके है |

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त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा

त्र्यंबकेश्वर एक प्राचीन एवं पवित्र हिन्दू मंदिर है | यह मंदिर नासिक शहर के समीप त्रयंबक नामक स्थान में है | भारतीयों का यह मानना है कि यह काल सर्प पूजा मुख्यत इसी मंदिर में की जाती है | कई जातको का मानना है कि इस मंदिर में काल सर्प पूजा के पश्चात उन्हें काल सर्प दोषो से मुक्ति मिली है| इसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है एवं इस पूजा का मुख्य उद्येश्य काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को नष्ट कर जातक के जीवन को खुशहाल करना है |

सर्वप्रथम जातक पक्ष पावन गोदावरी नदी में डुबकी लगाते है जिससे जातक का तन एवं मन के मैल धुल जाता है | इसके बाद भगवान महामृतुन्जय त्र्यंबकेश्वर की पूजा की जाती है| पूजा की अवधि लगभग ३ घंटे होती है | यह पूजा घर परिवार के सदस्यों के साथ अथवा किसी अन्य समूह में की जाती है | पंडित मंत्रो का जाप करता है और भक्त पूजा में विलीन होकर उन मंत्रो में खुद को समाहित होते है |

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा हेतु मंदिर का प्रांगण प्रातः ५ बजे से रात्रि १० बजे तक खुलता है | पुरुषो को धोती एवं बनियान तथा महिलाओं के लिए साड़ी पहनने की सलाह दी जाती है | काला एवं हरा रंग पहनना इस पूजा में बाधित है एवं भक्त सफ़ेद रंग पहनना पसंद करते है|

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा के लाभ

  • खुशहाल एवं समृद्ध जीवन
  • सुखद वैवाहिक जीवन
  • व्यावसायिक जीवन एवं पद में उन्नति
  • आर्थिक बाधाओं से मुक्ति
  • जीवन के संतुलन एवं शान्ति

जातक के जीवन में काल सर्प दोष का प्रभाव ४७ वर्ष तक रह सकता है और कभी कभी यह प्रभाव जीवन भर भी रहता है | किन्तु जब शास्त्रों में इसका पूर्ण समाधान एक पूजा द्वारा है तो जातक तो चाहिए की वह तुरंत त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प तो सम्पादित करे और इसके लाभों से जीवन को खुशहाल करे | आप अपनी कुंडली पंडित रविशंकर जी के साथ साझा करें और निशुल्क जानकारी पावें |

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Ravi Shankar Guruji

वेद शास्त्र संपन्न आचार्य श्री रवि शंकर गुरुजी इनका परिवार 120 साल से त्रिम्बकेश्वर मे काल सर्प दोष निवारण केंद्र, त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पीछे रहेते है| गुरुजी को २५ साल का अनुभव है| गुरुजी काल सर्प पूजा मे विशारद है, उन्होने २२००० से ज़्यादा काल सर्प की पूजाए की है और सभी यजमानोको १००% संतुष्टि दी है| सभी यजमान जो काल सर्प पूजा करके जाते है उन्हे तुरंत कुछ दीनो मे अच्छे रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाते है|
पूरे भारत मे सिर्फ़ त्रिम्बकेश्वर मे ही काल सर्प पूजा की जाती है क्योंकि त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की असाधारण विशेषता है, जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र का प्रतीक है।

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