पार्शियल कालसर्प योग के असर, उपाय और निवारण

पार्शियल कालसर्प योग

पार्शियल कालसर्प योग : पहले हम यह जान लेते है कि आखिर यह काल सर्प दोष होता क्या है ? काल सर्प दोष कुछ भी नहीं बल्कि जातक की कुंडली में ग्रह दशा का ऐसा योग है जिसमे सभी ग्रह राहु केतु धुरी रेखा के एक ही ओर हों और कोई भी ग्रह दूसरी तरफ न हो तो इस तरह की स्थिति को काल सर्प योग कहा जाता है | सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में धंसे से प्रतीत होते है |

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अब हम यह जानने की कोशिश करेंगे की पार्शियल काल सर्प योग क्या होता है ?

यदि कुंडली में एक भी ग्रह राहु-केतु धुरी रेखा के बाहर हो अथवा दूसरी तरफ हो तो ऐसी दशा को पार्शियल काल सर्प योग कहा जाता है |

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पार्शियल कालसर्प योग के प्रभाव

पार्शियल कॉल्स आप दोष के प्रभाव इतने तीव्र नहीं होते जितने कि पूर्ण काल सर्प योग के होते है किन्तु इन जातकों को अपने जीवन में कुछ दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है |

यदि कोई जातक पार्शियल काल सर्प से प्रभावित है तो जातक को अनिद्रा से पीड़ित रहता है | उनको सोने में कठिनाई होती है और इस कठनाई का मुख्य कारण बुरे बुरे सपने आना होता है | जातक को सपनों में सांप दिखाई देते है और वह सपने में सापों को अपने शरीर से लिपटता देखता है | कभी सांप उसके गर्दन से निकलता है तो कभी कमर से | इन सपनों से उसकी नींद बाधित रहती है |

इस दोष से प्रभावित जातक आर्थिक तंगी से भी गुजर सकते है | उनके जीवन में कठिन परिश्रम के बाद भी परिश्रम अनुसार फल प्राप्त नहीं होते | ऐसे जातकों को पारिवारिक विवादों को देखना और अनुभव करना पड़ सकता है | हम सीधे शब्दों में यह भी कह सकते है कि पार्शियल काल सर्प योग से होने वाले दोष पूर्ण काल सर्प योग की तरह ही हो सकते है पर इनकी त्रीवता काफी कम होती है |

अब हम जानेंगे की आखिर कैसे आप जान सकते है कि आपकी कुंडली में पार्शियल काल सर्प दोष है या नहीं , इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि कैसे आप इस दोष से बच सकते है |

कैसे जाने आपकी कुंडली में है यह दोष ?

जातक की कुंडली में यदि सारे ग्रह कुंडली के एक ही अर्ध भाग में हों तो इस दशा में पूर्ण काल सर्प योग बनता है | यदि एक भी ग्रह दूसरी ओर चला जाए तो पार्शियल काल सर्प योग बनता है | हिंदू वैदिक ज्योतिष में इसके बारे में काफी वर्णन मिलता है |

पार्शियल कालसर्प योग के उपाय

पार्शियल काल सर्प दोष के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते है | ये उपाय आप अपनी जीवन शैली के अनुसार अपना सकते है और यह जरुरी नहीं आप इन सभी उपायों पर विचार करें | आप अपने पुरोहित पंडित जी के सुझाव के अनुसार कुछ उपाय चुन सकते है लेकिन उन उपायों का नियमित ढंग से पालन करें | ऐसा करने से ही आपको इनसे लाभ प्राप्त होगा |

  • पीपल के पेड़ को पानी देना
  • भगवान शिव की आराधना करना
  • नियमित मंत्रोच्चारण करना
  • नाग पंचमी को व्रत धारण करना
  • काल सर्प दोष निवारण पूजा

पार्शियल कालसर्प योग के रेमेडी

जातक यह न समझ कर बैठ जाए कि जिस जातक की कुंडली में काल सर्प हो वो सब बदकिस्मत हों । इस दोष का प्रभाव ग्रहों के अनुसार भिन्न -भिन्न हो सकता है और विभिन्न योगों की उपस्थिति पर निर्भर करता है। जातक को चाहिए अपनी कुंडली किसी विद्वान पंडित से दिखाकर उस पर विस्तार से जानकारी ले | इस जानकारी को प्राप्त करके यह भी जान सकते है कि दोष का प्रकार क्या है व वह आपके जीवन में क्या प्रभाव लाएगा और इस दोष से मुक्ति कैसे पाएं ? आप भी बाकी जातकों की तरह जो इस दोष से पीड़ित थे, पंडित श्री रविशंकर जी से जाने कि क्या आपकी कुंडली में यह दोष विधमान है या नहीं और यदि है तो इसकी मौजूदगी आपके जीवन को किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है।

पार्शियल कालसर्प योग के निवारण के लिए आपको कोई भी विद्धवान शिव अर्चना की राय देगा | इस पूजा के लिए आप शिव भगवान के ज्योतिर्लिंगों में एक त्रयंबकेश्वर मंदिर तो चुन सकते है | इस पूजा के अंतर्गत आप भगवान शिव की पूजा करते है और इस पूजा में कुल तीन घंटे लगते है | आप भी अपने समय के अनुसार इस पूजा का मुहूर्त जानकार इस पूजा से काल सर्प दोष का निवारण कर सकते है |

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Ravi Shankar Guruji

वेद शास्त्र संपन्न आचार्य श्री रवि शंकर गुरुजी इनका परिवार 120 साल से त्रिम्बकेश्वर मे काल सर्प दोष निवारण केंद्र, त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पीछे रहेते है| गुरुजी को २५ साल का अनुभव है| गुरुजी काल सर्प पूजा मे विशारद है, उन्होने २२००० से ज़्यादा काल सर्प की पूजाए की है और सभी यजमानोको १००% संतुष्टि दी है| सभी यजमान जो काल सर्प पूजा करके जाते है उन्हे तुरंत कुछ दीनो मे अच्छे रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाते है|
पूरे भारत मे सिर्फ़ त्रिम्बकेश्वर मे ही काल सर्प पूजा की जाती है क्योंकि त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की असाधारण विशेषता है, जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र का प्रतीक है।

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