शेषनाग कालसर्प योग के असर, उपाय और निवारण

काल सर्प दोष क्या होता है

शेषनाग कालसर्प योग: यदि आपका जीवन अनेक परेशानियों से घिरा हुआ है और आप मानसिक रूप से दुर्बलता महसूस कर रहे है तो आपको एक बार अपनी जन्म कुंडली किसी ज्ञानी पंडित को अवश्य दिखानी चाहिए, कहीं आपकी कुंडली में काल सर्प दोष तो नहीं है, यह किसी जातक की कुंडली पर एक दुर्भाग्य पूर्ण ज्योतिषीय स्थिति है जो की जातक के जीवन में दुर्भाग्य लाती है |

इस स्थिति में जातक के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आकर एक ऐसी परिस्थिति बनाते है जिससे जातक के अथक प्रयास भी उसे जीवन में सफलता प्रदान नहीं कर पाते | इस दोष का प्रभाव जातक के शरीर, मनदशा, वैवाहिक जीवन एवं धन पर पड़ता है |

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कुंडली में कैसे दिखता है काल सर्प दोष ?

अब जानते है कि हम यह कैसे जाने कि किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है या नहीं ? यदि कुंडली में सारे ही ग्रह राहु और केतु के मध्य में आ जाते है, तो कुंडली में उस दशा को काल सर्प योग कहते है |

इन ग्रहों की राहु एवं केतु के बीच अलग अलग घरों में हो सकती है और इन स्थितियों के अनुसार इस दोष का जातक के जीवन में प्रभाव भी अलग अलग हो सकते है | इन ग्रहों की स्थिति के हिसाब से काल सर्प योग १२ प्रकार का हो सकता है | आइये अब हम आपको बताते है कि इन बारह प्रकारों में से शेषनाग काल सर्प कैसे होता है ? उसके जातक के जीवन पर क्या असर होते है ? और इस दोष के क्या उपाय हो सकते है ?

शेषनाग कालसर्प योग

भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शेषनाग काल सर्प योग बारहवां सर्प योग है | यह योग तब प्रदर्शित होता है जब किसी जातक की कुंडली में राहु बारहवें घर में और केतु छठें घर में उपस्थित हो एवं बाकी सारे ग्रह इनके बीच में ही हो |

शेषनाग कालसर्प योग के असर

जातक की कुंडली में शेषनाग काल सर्प योग होने पर जातक को अपने जीवन में निम्न परेशानियों का प्रमुख रूप से सामना करना पड़ता है |

  • इस योग में जातक को कई दुर्भाग्यों के सामना करना पड़ता है |
  • जातक को जीवन में हर जगह हताशा मिलती है |
  • जातकों को जीवन में अक्सर कोई न कोई बीमारी रहती है जिससे जातक को काफी शारीरक पीड़ा उठानी पड़ती है |
  • जातक के जीवन में मानसिक अशांति बनी रहती है |
  • जातक को अपने जीवन में किसी प्रकार की बदनामी भी सहनी पड़ सकती है | उसे समाज में नीची दृष्टि से भी देखा जा सकता है | इन कारणों से जातक को आत्मग्लानि का भाव भी होता है |

शेषनाग कालसर्प योग के उपाय

  • भगवान विष्णु जी की नियमित रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए |
  • जातक गोमद धारण करें |
  • जातक मंगलवार प्रातः नागराज मुद्रिका को धारण करे |
  • जौ से बनी रोटी को पक्षियों को ३ माह तक खिलाएं |

शेषनाग कालसर्प योग के जातक क्या न करें

  • देर रात न सोएं |
  • रात्रि में किसी भी कार्य का शुभारम्भ न करें |

शेषनाग कालसर्प योग का निवारण

कुछ जातकों की विशेषता होती है कि वे थोड़ी सी जानकारी के पश्चात यह खुद निर्णय कर लेते है कि उन्हें क्या करना चाहिए ? हम सब इस बात से भली भाँती विदित है कि हर विषय में राय उस विषय के विद्वान से ही लेनी चाहिए |

इससे दो फायदे होते है एक तो समय भी बचता है और दूसरा समय पर आपको परेशानी का उचित हल भी मिल जाता है | यदि आप भी अपना समय और पैसा बचाना चाहते हो तो आप तुरंत पंडित श्री रविशंकर जी से निशुल्क जानकारी ले सकते है |

जैसा कि हमने बताया की कैसे जातक इस दोष के कुप्रभावों से बचने के लिए अपनी जीवन शैली के अनुसार उपाय कर सकता है | यह बात और है कि भगवान शिव की आराधना करना ही इन उपायों में सर्वोत्तम है |

जातक शिव की आराधना करने हेतु नासिक शहर के समीप स्थित त्रयंबकेश्वर मंदिर में जा सकते है | इस मंदिर में काल सर्प पूजा करने का कारण यह है कि इस मंदिर को ज्योतिष शास्त्रों में काल सर्प पूजा के लिए सर्वोत्तम बताया गया है |

यह मंदिर १३ ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है | इस पूजा से पूर्व आपको अपनी जन्मकुंडली पंडित जी से साझा करके, उनकी राय जाननी चाहिए | यह जयकारी पंडित जी निशुल्क देते है |

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Ravi Shankar Guruji

वेद शास्त्र संपन्न आचार्य श्री रवि शंकर गुरुजी इनका परिवार 120 साल से त्रिम्बकेश्वर मे काल सर्प दोष निवारण केंद्र, त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पीछे रहेते है| गुरुजी को २५ साल का अनुभव है| गुरुजी काल सर्प पूजा मे विशारद है, उन्होने २२००० से ज़्यादा काल सर्प की पूजाए की है और सभी यजमानोको १००% संतुष्टि दी है| सभी यजमान जो काल सर्प पूजा करके जाते है उन्हे तुरंत कुछ दीनो मे अच्छे रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाते है|
पूरे भारत मे सिर्फ़ त्रिम्बकेश्वर मे ही काल सर्प पूजा की जाती है क्योंकि त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की असाधारण विशेषता है, जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र का प्रतीक है।

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